एक समय की बात है, एक गांव में एक गरीब लड़का रहता था। उसके पास खुद का घर नहीं था और उसके परिवार को भोजन के लिए भी संकट का सामना करना पड़ता था। लेकिन वह लड़का आत्मविश्वासी था और उसमें विशेष ज्ञान और जिज्ञासा की भावना थी।
एक दिन, उसे पढ़ाई के लिए नगर के शहर में जाना पड़ा। उसे अच्छे अंक प्राप्त करने की आकांक्षा थी और उसने कठिनाईयों का सामना किया। धैर्य और मेहनत के बावजूद, उसने अपनी परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त किए।
अगले दिन, जब वह अपने गांव लौट रहा था, उसने एक वृक्ष के नीचे बैठकर थोड़ी देर के लिए आराम किया। वह आराम से सोने लगा, जबकि वृक्ष उसके साथी लोगों के साथ सदैव अपनी ऊर्जा को बढ़ाते रहता था।
लड़का हैरान हो गया और उसने वृक्ष से पूछा, "तुम कैसे ऐसा कर सकते हो? तुम सबके साथ बातचीत नहीं करते, खाने पीने की आवश्यकताएं नहीं होती, फिर भी तुम सदैव इतनी ऊर्जा कैसे बनाते हो?"
वृक्ष ने एक प्रकाशमय चेहरे के साथ कहा, "मेरे बेटे, मैंने बहुत कठिनाईयों का सामना किया है। मुझे झुकने न
हीं पड़ा, बल्कि मैंने उनसे सीखा है कि कैसे आप अपनी ऊर्जा को बचाएं और इसे बढ़ाएं। यही कारण है कि मैं सदैव नई ऊर्जा के साथ फिर से खड़ा होता हूँ।"
लड़का गहरे विचार में मग्न हो गया और इस कहानी से एक महत्वपूर्ण सीख ली। वह अपनी जीवन में सामर्थ्य, समर्पण, और आत्मविश्वास के महत्व को समझने लगा।
इस कहानी से हमें यह संदेश मिलता है कि हम भी जीवन में आत्मविश्वास को बनाए रखना चाहिए। छोटी छोटी कठिनाइयाँ हमें टूटने नहीं देनी चाहिए, बल्कि हमें उनसे सीखकर मजबूत होना चाहिए। जब हम आत्मविश्वास से काम करते हैं, तो हम किसी भी समस्या का सामना कर सकते हैं और अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।
1 टिप्पणियाँ
यह कहाणी पढकर बहुत हि अछl लगा. 👌🏻👌🏻
जवाब देंहटाएंGajananbansode24@gmail.com