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अदृश्य संगीत की खोज (The Quest for Invisible Music)

 


एक छोटे से गाँव में, जहाँ सब कुछ शांत और सुंदर था, वहाँ एक युवक रहता था जिसका नाम अर्जुन था। अर्जुन को संगीत से गहरा लगाव था, लेकिन वह अक्सर सोचता कि क्या कोई ऐसा संगीत हो सकता है जो न केवल कानों से सुनाई दे, बल्कि दिल को छू जाए और आत्मा को सुकून दे। उसने इस अदृश्य संगीत की खोज का निर्णय लिया।



अर्जुन की यात्रा उसे विभिन्न स्थानों पर ले गई, जहाँ उसने विविध प्रकार के संगीतकारों और उनके संगीत को अनुभव किया। वह पहाड़ों में गया, जहाँ वादियों में गूँजते संगीत ने उसे मोहित कर दिया। फिर वह नदी के किनारे गया, जहाँ पानी की कलकल ने उसे एक अलग ही शांति प्रदान की। इसके बाद, वह एक विशाल रेगिस्तान में पहुँचा, जहाँ रात को चाँदनी में रेत पर नृत्य करते समय उसने एक विशेष तरह की सरसराहट सुनी।



इस यात्रा में, अर्जुन ने जाना कि अदृश्य संगीत कोई बाहरी चीज नहीं, बल्कि हमारे आस-पास के प्राकृतिक वातावरण में मौजूद है। हवा की सरसराहट, पानी की कलकल, पक्षियों की चहचहाहट, और पेड़ों की सरसराहट में छिपे संगीत को महसूस करना ही असली कला है।



अंत में, अर्जुन अपने गाँव वापस आया और अपने अनुभवों को साझा करते हुए लोगों को बताया कि संगीत केवल वाद्ययंत्रों से नहीं बनता, बल्कि यह हमारे चारों ओर प्रकृति में भी विद्यमान है। उसकी इस खोज ने गाँववालों को भी अपने आस-पास की दुनिया को एक नई दृष्टि से देखने की प्रेरणा दी।

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