Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

Responsive Advertisement

हार नहीं मानना

हेलो दोस्तों ! में इस ब्लॉग में आपके लिया सच्ची घटनायें के ऊपर स्टोरी लेके आया हु में आशा करता हु की आपको ये जरूर पसंद आऐगी। आज कल की भागदौड़ भरी जिन्दगीमे ज्यादा वक्त नहीं मिलता पर ये कहानी आप जरूर पढ़ लेना आपको बहोत कुछ सिखने को मिल जायेगा। 


ये कहानी राहुल नाम के लड़के की है। वह एक छोटेसे गांव में रहता था।  बचपन से उसे कुछ नया करने की आदत थी वह कोणसाभी काम पूरा होने तक छोड़ता नहीं था। उसके घर में ४ लोग रहते थे. माँ बाप और एक छोटी बहन और वह खुद ऐसे ४ लोगो का उनका परिवार था। परिस्थिति उतनी अच्छी नहीं थी।  पूरा घर खेत में काम करके ही चल रहा था।  राहुल रोज स्कूल में जाता और आता. फिर खेत में काम करने के लिए पिताजी की मदत करता था। ऐसी ही उसकी रोजकी दिन चर्या थी।  एक दिन उसके दोस्त ने उसे  खेलने के लिए बुलाया, और उसने  अपने माँ बाप की परवानगी  लेने के बाद खेलने  गया. उसका दोस्त उसके स्कूल में का था. वह पूरा दिन भर खेले और घर लौटते वक्त उनको प्यास बहुत लगी थी। और  पास कोई घर नहीं था क्योकि वह गांव से थोड़ा दूर खेलने के लिए आये थे। और वहासे खेत नजदीक था तो उन्होंने सोचा की खेत में जाके कुवे का पानी पिते है।और घर चले जाते है तो वह कुवे के पास गए और पेट भर कर पानी पिया और कुछ फल भी ले लिए खाने के लिए तभी रास्ते में उनके पीछे एक जंगली जानवर लग गया।  वह दोनों जोर से भागने लगे और वह दोनो  अलग हो गए वह जानवर राहुल के पीछे पड़ा रहा और राहुल बहोत तेजी से भाग रहा था। और जोर से चिल्ला भी रहा था। ऐसे  करते वह बहुत दूर निकल गया ऐसी जगह वहा  कोई आदमी ज्यादा तर आता जाता नहीं थे। वह जानवर राहुल के पीछे बहुत दूर तक भागता रहा भागते भागते राहुल एक ३० फुट एक गहरे खड़े में जा गिरा। 

                      खड्डे में बहुत ही अँधेरा था। गिरने के वजह से राहुल के पैर को चोट भी लग चुकी थी। वह बहुत चिल्लाता रहा रोता रहा किसीसे मदत मांगता रहा पर उसकी आवाज सुनाने वाला वहाँपे कोई नहीं था। इधर उसका दोस्त चिल्लाता हुआ घबराता हुवा गांव में आ पंहुचा उसने पूरी हकीकत उसके घर वालो से और गांव वालो को बताया। तो राहुल के माता पिता बहुत घबरा गये। गांव के लोग और राहुल के पिताजी हाथ में हथियार लेके  ढूंढने निकल पड़े। उन्होंने राहुल को खेत में बहुत ढूंडा पर राहुल नहीं मिल रहा था। शाम होने वाली थी और उसके पिताजी बहोत परीशान होने लगे उनको अभी डर लगने लगा था की उनके बेटे को जानवर ने खा लिया है. पर गांव वालो ने उनको समझाया और फिरसे ढूंढ़ने लग गये। पर अँधेरा हो चूका था. उन्होंने पूरा खेत छान लिया पर राहुल कही मिल नहीं रहा था. गांव वालोने सब ढूंढ़कर निराश होकर घर निकल गए और उन्होंने यह मान लिया की राहुल को जानवर ने खा लिया है. सब निराश होकर घर चले गऐ. इधर राहुल को चोट लगी थी उसका पैर में बहुत दर्द हो रहा था। उसको खड़ा होने भी नहीं आ रहा था. वह बहोत डर गया था। उसने सोचा की में अभी इसमें मर जाऊंगा। वह बहुत चिल्लाता रहा और बहुत रोया भी पर कोई फायदा नहीं था। क्योकि उसकी आवाज सुनाने वाला वहपे कोई नहीं था. वैसे करते करते वह बहुत थक चूका था। और वह वैसे ही सो गया सुबह हुई पक्षिओ की किलकिलाट सुनाई देने लगी. और हल्कीसी सूर्य की किरण राहुल के चेहरे पर आकर गिरने लगी उससे राहुल की आँख खुल गई वह उठा और फिर से चिल्लाने लगा रोने लगा और उसने लघबघ मान ही लिया अब में खड्डे में ही मरने वाला हु। उसके उसको चिल्लाने और रोने के कारन प्यास बहुत लग चुकी थी। वह उठ कर खड़ा हो गया उसके पैर का दर्द भी अब कम हो चूका था। ऐसे रोते  बैठने से मेरी जान नहीं बचने वाली मुझे कुछ तो भी प्रयास करना होगा में लोगो के भरोसे पे नहीं बैठ सकता वह कब आएंगे और मुझे निकालेंगे। तो उसने सोचा क्यू न में इस खड्डे की दीवार पर चढ़ कर पार कर लू। हालाकि कठिन है पर मुझे करना ही पड़ेगा अगर मुझे जीना है तो। तो उसने दीवार को पकड़ कर ऊपर चढ़ने लगा। और फिसलने लगा उसे चार ही बाजु प्रयास किया पर उसको कोई सफलता नहीं मिल रही थी।  वह आधे रस्ते तक ही जा पा रहा था. उसने ऐसा कई बार किया और असफल रहा। इसमें उसका पूरा दिन निकल गया। अब वह बहुत थक चूका था क्योकि उसने पानी और खाना नहीं खाया था। उसके पास सिर्फ एक फल था। और रात हो चुकी थी। उसने वह एक फल खाया और जमीन पे लेट गया और आसमान में देखते देखते सोचने लगा। में कहा कहा से चढ़ा और कहा पे असफल रहा उसे थोड़ा आत्मविश्वास आ चूका था। क्योकि वह आधे रास्ते तक जाता और फिसल जाता था।  उसने बहुत सोचा कहापे गलती की थी।  उसने ध्यान में रखा क्योकि अगली बार न हो ऐसे गलती उसने पूरा सोच लिया था. और वह सिर्फ सुबह का इंतिजार कर रहा था। और वैसे ही सो गया था। सुबह हो चुकी थी सूर्य की हलकी हलकी किरण राहुल को छू रही थी। पर राहुल पानी के कारन उसको संभाला नहीं जा रहा था।  तो उसने सोचा में वैसेही यहाँ पे मरने वाला हूँ  क्यों न में और एक बार प्रयत्न करके देखता हु. तो वह कैसे तो भी उठा और पूरी ताकत से चढ़ने लगा चढ़ते चढ़ाते वह खड्डे के मुँह के पास आ गया और उपर चढ़ गया और राहत की साँस ली। वह बहुत खुश हुआ और कैसे तो बी चलते चलते अपने खेत के पास आ गया और वहाँपे गिर गया। थोड़ी देर बाद उसके पिताजी ने उसे देख लिया  उसे उन्होंने पानी पीलाया और खाना खिलाया और घर ले गए।
                 और इसी तरह राहुल की जान बच गई। क्योकि उसने कभी हार नहीं मानी। वह लड़ता रहा प्रयत्न करता रहा और आखिर सफल हो गया। 

इस तरह अपन भी कर लेते है।  थोड़ी बहोत कठिनाई आई तो अपन लढना छोड़ देते है. और निराश हो जाते है।  तो कभी भी हार नहीं मानना लड़ते रहना आखरी दम तक सफलता मिल ही जाती है। 

इस कहानी में राहुल ने एक बात सिख लियी थी। संकट कोनसाही बड़ा नहीं होता जब तक अपन उसमे हार मान नहीं लेते अपने खुद पे ज्यादा विश्वास रखो क्यों की अपन खुद बहोत बड़े बलवान हो.

तो दोस्तों आपको इस कहानी में कुछ सीखने को मिला होगा कुछ Motivation मिला होगा। अगर आपको और ऐसी कहानी चाहिए दोस्तों तो  निचे Comment जरूर करना। 

धन्यवाद  दोस्तों

एक टिप्पणी भेजें

3 टिप्पणियाँ

Gajananbansode24@gmail.com