रक्षाबंधन क्यो मनाया जाता है? 2020
रक्षाबंधन हिंदु संस्कृति में मनाया जाने वाला त्योहार है। रक्षा का मतलब सुरक्षा और बंधन का मतलब बाध्य है।
रक्षाबंधन जो प्रतिवर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।
रक्षाबंधन भाई बहनों के बीच मनाया जाने वाला पर्व है। इस दीन बहन अपनी भाई को रक्षाधागा बांधती है।और भाई अपनी बहनों को जीवन भर उनकी रक्षा करने का वचन देते है।
रक्षाबंधन में राखी या रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्व है।राखी कच्चे सूत जैसे सस्ती वस्तु से लेकर रंगीन कलाव रेशमी धागे तथा सोने या चाँदी जैसी महँगी वस्तु तक कि हो सकती है।
रक्षाबंधन के दिन बाजार में कई सारे उपहार बिकते है।उपहार और नए कपड़े खरीदने के लिए बाजार में लोगो की सुबह से शाम तक भीड़ होती है।
पौराणिक संदर्भ के मुताबिक:-
पौराणिक कथाओं में भविष्य पुराण के मुताबिक देव गुरु बृहस्पति ने देवस के राजा इंद्र को वित्रा असुर के खिलाफ लड़ाई पर जाने से पहले अपनी पत्नी से राखी बंधवाने का सुजाव दिया था। इसीलिए इंद्र की पत्नी शची ने उन्हें राखी बांधी
रक्षाबंधन की कहानी(story of Raksha bandhan):-
रक्षाबंधन संबंधित कुछ पौराणिक कहानी जुड़ी हुई है।इन कथाओं का पूरा वर्णन नीचे दी गई कथाओं में किया जा रहा है।
माँ लक्ष्मी और राजा बलि:-
भगवान पुराण और विष्णु पुराण के आधार पर यह माना जाता है।कि जब भगवान विष्णु ने राजा बलि को हरा कर तीनो लोकों पर अधिकार कर लिया तो बलि ने भगवान विष्णु से उनके महल में रहने का आग्रह किया भगवान विष्णु इस आग्रह को मान गये हालाँकि भगवान विष्णु की पत्नि लक्ष्मी को भगवान विष्णु और बलि की मित्रता अच्छी नही लग रही थी। अतः उन्होंने भगवान विष्णु के साथ वैकुण्ठ जाने का निश्चय किया इसके बाद माँ लक्ष्मी ने बलि को रक्षा धागा बाँध कर भाई बना लिया इस पर बलि ने लक्ष्मी मनचाहा उपहार मांगने के लिए कहा इस पर माँ लक्ष्मी ने राजा बलि से कहा कि वह भगवान विष्णु को इस वचन से मुक्त करें कि भगवान विष्णु उसके महल में रहेंगे बलि ने ये बात मान ली और साथ ही माँ लक्ष्मी को अपनी बहन के रूप में भी स्वीकारा।
1 टिप्पणियाँ
Good
जवाब देंहटाएंGajananbansode24@gmail.com