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डर का सामना || face fear || hindi Motivational stroy

हॅलो दोंतो,
 डर ये शब्द हम सबको आच्ची तरह से पता होगा क्यूकी
डर ये ऐसी चीझ है की वह हम सबको लगता है। हम सबको किसीं न किसीं चीझ का डर लगता रहता है। कोई किसीं से तो कोई किसीं से। डर के कारण हम सब का आत्मविश्वास भी बहुत कम हो जाता है। 

तो दोस्तो यही डर मिटाने के लिये मै एक छोटी सी कहाणी लेके आया हू। यह कहाणी आप अंत तक जरूर पंढणा क्यूकी पुरी पढणे के बाद आपका डर पुरा खतम हो चूका होगा।

दोस्तो कभी भी डर का सामना करना सीखो कयूकी बहुत बार हम जो सोचते है। असल मे ओ वैसा नही होता ।सिर्फ  ओ अपनो वयम होता है।

तो दोस्तो कहानी शुरू करते है।

एक छोटा सा गांव था। गांव में ज्यादातर लोग खेती पर ही निर्भर थे। हर रोज खेत मे काम करते और अपना गुजारा करते थे ।

उस गांव में एक बहुत पुराना बर्गत का पेड़ था। गांव वालों का यह मानना था कि यह पेड़ शापित है। पुराने लोगो ने उस पेड़ पर बहुत सारी कहानी बनाई रखी थी ।गांव के सब लोग रात में उस पेड़ के नीचे से कोई जाता नही था।
कयूकी गांव वालों का कहना था कि उस पेड़ के पास रात में कोई गया तो ओ जिंदा वापस नही आता ।यह कहानी कहकर गांव वाले सबको डराते थे।
हर महीने में उस पेड़ को गांव वाले कुछ  पशु की बलि देते थे।

ऐसा सदीओ से चलता आ रहा था।
एक दिन उस गांव में उसी गांव का फौजी लड़का घर छूटी पर वापस आया था। 

एक दिन उस लड़के ने पेड़ को बलि ले जाते हुये देखा।
उसने सोचा यह कब तक चलेगा
इसे कबि तो बंद करना पड़ेगा। उसने भी बचपन से उस पेड़ के बारे में सुना था। पर ओ अभी फौज में था और उसका डर पूरा निकल गया था। और उसे इन चीजों पर अभी विश्वास नही था।

उसने दूसरे दिन गांव की सभा बुलाई सब लोगो को आने के लिऐ बोला बुजुर्ग बच्चे सभी लोगो को बुलाया और कहा।
उस पेड़ को हम आज से कोई भी कीसी पशु की बली नही देंगे। तभी ऐसा सुनकर गांव के बुजुर्ग लोग उसे बोलने लगे ।कि ऐसा करने से गांव के ऊपर संकट आ जायेगा। तुम ऐसा मत करो।

तब उस लड़के ने कहा 'क्या है उस पेड़ में ऐसा '।उसपर क्यों तुम लोग पशु की बली देते रहते हो। तभी गांव वालों ने कहा वहापे शैतान रहता है।उसे हर महीने में बली चाहिये होता है। तभी अपना गांव सुरक्षित रहते है।
तब लड़के ने कहा किसीने देखा है उस पेड़ के नीचे कोई शैतान। तब सब गांव वाले शांत हो गए और कहा कि,'नही किसी ने नही देखा'।

तो लड़के ने कहा!" तो आप कैसे कह सकते हो कि वहापे शैतान रहता है"! कुछ नही वहा सिर्फ आपका डर है।
गांव वाले मानने के लिए  तैयार नही थे।
तभी लड़के ने सोचा और कहा। 'ठीक है! में वहा जाके देखता हूं। रात को वहापे कोन रहता है तो।
गांव वाले तैयार नही हो रहे थे । लड़के ने बहुत सम जाकर उनको राजी किया।

तभी एक गांव वाला बोला की हम यह कैसे मान ले कि तुम पेड़ के पास गए थे। तुम बादमे कुछ भी हमे बोलकर खतरे में डाल सकते हो ।
तभी लड़का बोला ।" में यह मेरा लाल कलर का मेरा रुमाल में उस पेड़ में खिला थोकके वापस आउंगा"। सुबह आप देख लेना कि में वहा गया था या नही?यह सुनकर सब लोग राजी हो गए।सब लोग रात का इनतजार करने लगे।
रात हो चुकी थी रात के 12 बजे थे तभी लड़का हाथ मे battary लेकर आंग पे चद्दर ओढ़ कर पेड़ की और निकल पड़ा।

थोड़ी दुर जाने के बाद उसे उसके बचपन की बाते याद आने लगी ।जो गांव वालों ने बताई थी। पर उसने सोचा ऐसा कुछ नही होता वह देखने के लिए में वहा जा रहा हु।आज यह पेड़ की कहानी और डर पूरा खतम हो जाएगा। पेड़ नजदीक आ रहा था। कुत्तों की भूक ने की आवाज तेज हो रही थी। चारो तरफ पूरा सन्नाटा छाया हुवा था। और वह बहुत काली अंधेरी रात थी।सिर्फ battary के रोशनी से आगेका रास्ता दिख रहा था। और चलते चलते सिर्फ उसकी चलने की आवाज आ रही थी।
थोड़ी देर चलकर लड़का पेड़ के नीचे आ गया।उसने चारो और देखा वहा कोई नही था। उसने अपने जेब मे से अपना लाल colour का रुमाल निकाला और पेड़ में खिला लेके ठोकने लगा ठोकते ठोकते उसने अपनी चद्दर का एक कोना भी उसमे थोक लिया। और वापस मुड़ने लगा तो उसकी चद्दर उसमे अटक गई थी और उसकी battary भी नीचे गिर गई थी। वह खीचने लगा ।पर नही निकल रही थी। वह अभी डर गया था ।उसे लगा अभी मुजे शैतान ने पकड़ लिया है ।अभी में मर जाऊंगा ।वह बहुत डर गया था। और वहा चद्दर छोड़कर जोर जोर से भागने लगा और गांव में आ पहुचा। और अपने घर मे चला गया। लड़का बहुत डर गया था।वह रात भर नही सोया सिर्फ सुबह का  इंतजार करने लगा। सुबह हो चुकी थी ।सब लोग पेड़ के पास चले गए थे फिर पीछे से लड़का आया और देखा कि खिला ठोकते वक्त मेरा चद्दर का कोना खिले में  अटक गया था। और मैने सोचा की मुजे शैतान ने पकड़ लिया है। तभी उस लड़के ने सभी गांव वालों को समजाया की यहा पे कुछ भी नही है।सिर्फ ये आपका डर है जो आपको बार बार डराता था। इसका उसका सुनकर हम लोग डरते थे।

ऐसा करके उस दिन से  गांव वाले लोग निडर होके उस गांव में जीने लगे और उस पेड़ के पास कभी भी जाने लगे ।और उन्होंने पशु की बली देना ही छोड़ दी थी।


दोस्तो हम भी ऐसा करते है कि दूसरों का कहा मानके हम वह बात सोच लेते है ।और उसके बारे में डरते रहते है।अगर इस कहानी में वह लड़के ने मान लिया होता कि वह पे शैतान है । और उसने ऐसा कदम नही उठाया होता तो अभी भी वह गांव डर में ही रह जाता। 


दोस्तो कहने का यह मतलब है कि हम सब ने डर का सामना करना चाइये ।एक बार डर निकल गया तो समजो आप जीवन मे कुछ भी कर सकते हो।
ये डर सिर्फ लोगो ने बनाई हुई कहानी रहती है। परीक्षा का डर । भविष्य का डर । मर ने का डर।किसीभी चीज का डर ये किसने डाला ये सब लोगे ने।

तो दोस्तो , निडर होके जिना। ज्यादा खुदपर भरोसा करना न कि लोगो के बातो पर।

अगर आपको कहानी अच्छी लगी होंगी तो नीचे comment Box में comment करके जरूर बताना।
कयूकी मुजे भी कुछ Motivation मिले।
Thank you।

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