इस जन्म में भी शिव से विवाह हेतु देवी पार्वती ने श्रावण माह में निराहार रहते हुए कठोर व्रत से भगवान शिवशंकर को प्रसन्न कर उनसे विवाह किया।
इसीलिए श्रावण माह से ही भगवान शिव की कृपा के लिए सोलह सोमवार के उपवास आरंभ किये जाते है।
श्रावण सोमवार का व्रत का क्या लाभ है।
भगवान शिव की पूजा के लिए और सुखी वैवाहिक की कामना से श्रावण सोमवार व्रत रखें जाते है।अगर विवाह में अडचन आ रही तो संकल्प लेकर सावन के सोमवार का व्रत किया जाता है।आयु या स्वास्थ की बाधा हो तब भी सावन के सोमवार व्रत श्रेष्ठ परिणाम देता है।16 सोमवार का व्रत श्रेष्ठ परिणाम देता है। 16 सोमवार व्रत का संकल्प सावन में लेना सबसे उत्तम माना गया है।सावन महीने में मुख्य रूप से शिव लिंग की पूजा होती है और उस पर जल तथा बेल पत्र अर्पित किया जाता है।
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Nice thought
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